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Bhim Army ( भीम आर्मी ) एक बहुजन समाज का उभरता हुआ संगठन है। इसका पूरा नाम भीम आर्मी भारत एकता मिशन है जो कि दलित (Dalit), OBC (ओबीसी) और मुस्लिम (Muslims) के साथ साथ अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक लोगो के लिए कार्य करता है। भीम आर्मी की स्थापना अत्याचार और जुल्म के खिलाफ लडने के लिए हुआ है। Bhim Army का काम बहुजन समाज के साथ होने वाली जुल्म ज्यादती के खिलाफ संघर्ष करना है। Join Bhim Army करके इसके सदस्य गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फूले, बाबा साहब अम्बेडकर और मान्यवर साहब कांशीराम के बहुजन मिशन (Bhim Army Bahujan Movement) को आगे बढा सकता है 


Bahujan Movement को इस बुलंदियों पर पहुंचाने के पीछे Gautam Buddha, Jyotiba Phule, Baba Saheb Ambedkar और Manyavar Saheb Kanshi Ram का बहुत बडा योगदान रहा है। अगर यह सब बहुजन महापुरुष नही होते तो शायद बहुजन आंदोलन आज यहां नही होता। 

Bhim Army की स्थापना 2015 में हुई। Bhim Army Founders चंद्रशेखर आजाद (Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad Ravan) और भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह (Vinay Ratan Singh Bhim Army National President) व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनजीत सिंह नौटियाल ( Manjeet Singh Bhim Army ) और कमल वालिया (Bhim Army Kamal Singh Walia) जैसे लोगों ने मिलकर Bhim Army की स्थापना की गई। 








क्यों हुई भीम आर्मी की स्थापना || Kyu Hui Bhim Army Ki Sthapana || Why Bhim Army Founded 


वैसे तो भीम आर्मी की स्थापना जुलम और अत्याचार से पीड़ित दलित को इंसाफ दिलाने के लिए 2015 में ही हो गई थी। मगर इसका अस्तित्व 2017 के सहारनपुर दंगो (Saharanpur violence 2017) से Bhim Army का नाम सुर्खियों में आ गया। इस समय दलित और सर्वण समाज के बीच जातिय हिंसा हुई थी।

इस समय देश में इस का काफी गहरा असर देखने को मिला था। और देश भर में इस घटना की काफी ज्यादा चर्चा हुई थी। बाबा साहब अम्बेडकर जी के नाम से बने इस संगठन की देश भर में चर्चा शुरू हो गई। और उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध हो गया। इस घटनाक्रम का मुख्य दोषी चंद्रशेखर रावण को माना गया जिसे उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने 2017 जून को गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ महीने जेल में बंद रहे चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नवंबर 2017 में जमानत दें दी मगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने चंद्रशेखर आजाद को आरोपी बनाकर रासुका के तहत मामला दर्ज कर लिया और जेल ही बंद रखा। उसके करीब एक साल बाद सरकार ने फिर चंद्रशेखर आजाद की NSA हटाकर 2018 में रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। उसके बाद से ही चंद्रशेखर आजाद देश भर में रैली और सभा का आयोजन कर अपने संगठन को घर घर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

देश के अधिकांश राज्यों में आज भीम आर्मी कार्य कर रही है। अब चंद्रशेखर आजाद लगातार संघर्ष कर रहे हैं। 

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