क्या आप भीम आर्मी का साथ देंगे ? || Join with Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad





भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद लगातार कह रहे हैं कि मुझे भविष्य सुधार के लिए राजनीति करनी है इसलिए मेरा आप सब लोग मिलकर सहयोग करें मगर फिर कुछ लोग जान बुझ कर हमारी टांग खिंचाई करने में लगे हुए। इन सब से छुटकारा पाने के लिए हम सबको मजबूती के साथ आगे बढना होगा।


साथ ही किसी पर भी झुठा आरोप लगाने की कोशिश ना करें बिल्कुल भी। एक दूसरे का साथ देकर आगे बढाने का कार्य करें। 

जिस दिन लोग समाज को जोड़ना सीख जायेंगे उस दिन समाज की ताकत के आगे सब झुक जायेंगे

जब जब समाज पर अत्याचार होते हैं तो उठाव शेर की तरह होता है लेकिन पिछापा सियासत की भेंट चढ़ कर सियार हो जाता है

समाज में बढता भीतर घात और सोशल मीडिया के समाज सेवी नेताओं द्वारा बिना सोचे समझे और बेवजह के बयान आरोप प्रत्यारोपों की वजह से वास्तविक नेतृत्व कमजोर हो जाना भी अत्याचार की वजह बन गया इसलिए हम सबसे अपील करते हैं कि वाणी और शब्दों में समाज को जोड़ने वाली बातें हों जिससे आपसी बिखराव नहीं हो
साथियों समाज में एकता की शक्ति बढ़ाने वाली सोच के लिए नेतृत्व कर्त्ताओं की वाणी और शब्दों की सार्थकता होनी चाहिए

सोशल मीडिया पर उभरे नेतृत्वकर्ताओं द्वारा लगाये जाने वाले आरोप प्रत्यारोपों के कटाक्ष से बिखराव हों जाता है इसलिए इस बिखराव को रोकना सबकी जिम्मेदारी होती है 


समाज ताकत सबको साथ मिलाने से बढ़ती है सबको साथ लेकर चलने से बढ़ती है 

समाज के खुले मंचों पर किसी पर आरोप व प्रत्यारोप लगाने से गुटबाजी करने को व भीतर घात करने वालों को अवसर मिल जाता है इसलिए ऐसे मंचों पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से बचना चाहिए


समाज का हर व्यक्ति सूर्य की मानिंद तेज तर्राट और तपती आग का जैसा होंगा तो अत्याचार करने वाला वही भस्म हो जाएगा खत्म हो जायेगा ऐसी शक्ति तभी बढ पायेगी जब हर नेतृत्व कर्ता व्यक्ति समाज को जोड़ने वाली वाणी व भाषा बोलने लगेगा

वर्तमान समय में फूट डालो और राज करो की नीति के अनुसार नेतृत्व किया जा रहा है जो घातक है इसलिए समाज हित में ऐसी नीति को त्याग देना चाहिए


इस मैसेज को कोई भी राजनीति से प्रेरित नहीं समझें


जिस समाज में राजनीति घुस जाती है उस समाज का विघटन होता है और जो समाज राजनीति में घुस जाता है वो शक्तिशाली हो जाता है इसलिए साथियों हमें समाज में घुसी राजनीति को छोड़कर समाज को राजनीति में ले जाना होगा

साथियों राजनीति से बढ़कर समाज होता है इसलिए समाज में कभी भी राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि राजनीति में समाजनीति को बढ़ावा देना चाहिए।